मां विन्ध्यवासिनी साधना

@नवरात्रि@माँ विन्ध्यावासिनी भूत भविष्य वर्तमान सर्वमनोकामना पूर्ण सिद्धि मन्त्र साधना@
यह दिव्य साधना अत्यंत प्राचीन महाभारत कालीन है।अगर साधना के समय साधक कोई त्रुटि साधना में कर दे तो मानसिक संतुलन खो देता है और पागलो की तरह व्यवहार करता है। यह साधना गृहस्थ लोगो के लिये नही है।इस साधना का अधिकार ऐसे साधको को है जो महाभिनिष्क्रमण कर चुके है।जंगल में रहते है।
यह साधना 11 दिन की है।इसमें साधक किसी भी मनुष्य का भूत,भविष्य,वर्तमान बता सकता है और अपने तीनो कालो की जानकारी भी प्राप्त कर सकता है।साधना में सिद्धि प्राप्त होने पर साधक को विधिअनुसार मन्त्र जाप करके अपनी आँखें बन्द करके किसी का भी ध्यान करेगा तो उसका चलचित्र दिखाई देगा और किसी समस्या का समाधान माता साधक के कानो में आवाज देकर कहती हैं।साधक इस साधना के माध्यम से लाटरी,सट्टे आदि के अंक भी जानकर गरीब लोगो की मदद कर सकते है।
रोज मन्त्र जाप 11 माला और 11 माला हवन होता है।हवन के समय कभी कभी देवी हवन से प्रकट होती है किन्तु साधक को हवन पूरा करना चाहिये,,जो साधक देवी दर्शन देखकर मन्त्र रोक देते है उनकी सिद्धि भंग हो जाती है।दिशा उत्तर,वस्त्र सफ़ेद,माला रुद्राक्ष,कुशासन आदि पूजन सामग्री में गुलाब,धूपबत्ती,देशी घी का दिया,ताम्र कलश जल,मिष्ठान ,साधना समय रात्रि 11 बजे या सुबह 4 बजे।
गुरु दीक्षा,पवित्रीकरण,वास्तुदोष पूजन,ब्रह्मचक्र सुरक्षा हेतु अनिवार्य है।
मन्त्र ॐ ऐम् ऐम् क्लीम् क्लीम् क्लीम् क्लीम् ह्रीम् ह्रीम् फट्
विशेष-किसी साधना की साधना सामग्री और कवच जरूरी है बिना कवच के साधना सफल नहीं होगी हर साधना का सिद्धि विधान है बिना अनुमति के साधना न करें||
पं.मुदित मिश्रा
+919811696036

Comments

  1. Mujhe maa vindhachal maa ka shadhana karna hai process pls tell me

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