देवी तारा साधना
@नवरात्रि माँ तारा देवी मन्त्र सिद्धि @
यह साधना अत्यंत तीव्र है,गलती होने पर देवी साधक का अहित कर देती है।ब्रह्मचर्य अनिवार्य है।साधना ऐसे कमरे में करे जिसमे कोई स्त्री न हो अर्थात स्त्री से बातचीत वर्जित है।जंगल में साधना उत्तम है।
इस साधना में साधक को वरदान मिलता है।
मन्त्र जाप 125000
हवन 12500
दिशा पूर्व
माला रुद्राक्ष
वस्त्र आसन लाल
तिलक कुमकुम
कांसे की थाली में देशी घी का दिया जलाये।धूपबत्ती,फूल फल रखे।
ताम्र कलश में जल रखे।
साधना रात को 11 बजे या सुबह 4 बजे से करे ।
1 बार ध्यान मन्त्र बोले फिर सिद्धि मन्त्र करे।।
पवित्रीकरण,वास्तुदोष पूजन ,गुरु दीक्षा अनिवार्य है।
ध्यान मन्त्र
देवी पन्नगभूषिताम् हिमरूचिम् शीताँशुशंख पृभाम
मुक्तारत्नपरीत कंठ वलयाम् रक्ताम्बरम् बिभृति
त्रिनेत्राम भजे अहम्
मन्त्र
ॐ ऐम तारे फट स्वाहा।
बिना गुरु साधना वर्जित है।
गुरु अशोक
7669101100
पं.मुदित मिश्रा
+919811696036
यह साधना अत्यंत तीव्र है,गलती होने पर देवी साधक का अहित कर देती है।ब्रह्मचर्य अनिवार्य है।साधना ऐसे कमरे में करे जिसमे कोई स्त्री न हो अर्थात स्त्री से बातचीत वर्जित है।जंगल में साधना उत्तम है।
इस साधना में साधक को वरदान मिलता है।
मन्त्र जाप 125000
हवन 12500
दिशा पूर्व
माला रुद्राक्ष
वस्त्र आसन लाल
तिलक कुमकुम
कांसे की थाली में देशी घी का दिया जलाये।धूपबत्ती,फूल फल रखे।
ताम्र कलश में जल रखे।
साधना रात को 11 बजे या सुबह 4 बजे से करे ।
1 बार ध्यान मन्त्र बोले फिर सिद्धि मन्त्र करे।।
पवित्रीकरण,वास्तुदोष पूजन ,गुरु दीक्षा अनिवार्य है।
ध्यान मन्त्र
देवी पन्नगभूषिताम् हिमरूचिम् शीताँशुशंख पृभाम
मुक्तारत्नपरीत कंठ वलयाम् रक्ताम्बरम् बिभृति
त्रिनेत्राम भजे अहम्
मन्त्र
ॐ ऐम तारे फट स्वाहा।
बिना गुरु साधना वर्जित है।
गुरु अशोक
7669101100
पं.मुदित मिश्रा
+919811696036
Comments
Post a Comment