सर्वग्रह पीड़ा निवारण सूर्य साधना

नवरात्रि @सर्वग्रह दोष निवारण भगवान् सूर्य देव साधना@
इस साधना को संपन्न करने से साधक के समस्त ग्रह जनित रोग,दोष,बाँधा समाप्त हो जाती है।सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं।कर्जमुक्त हो जाते है।
इस साधना को रात्रि 10 बजे करे।11000 मन्त्र जाप करे।पीले आसन पर पीले वस्त्र धारण करके बैठे।
एक मिट्टी के बर्तन में निम्न सामग्री रखले और इसको पीपल के पेड़ की जड़ में 2 फ़ीट गहराई में दबा दे और उसके ऊपर पीला आसन विछाकर पूरब दिशा की ओर मुख करके रुद्राक्ष माला से 11000 जप पूरा करे।यह जप 11 दिनों में पूरा कर सकते हैं।
मन्त्र सिद्ध होने पर साधक सभी मुश्किलो से पार हो जाता है।
सामग्री
आम,गूलर,शमी के 11 ,11 पत्ती
आक ,धतूरा, अपामार्ग ,दूर्वा ,बरगद की जड़े 1/2 फ़ीट लंबी हो।
दूध,घी,चावल,मेहँदी ,गेंहू,काले तिल, गोमूत्र,पीली सरसो , चन्दन लाल या सफ़ेद थोड़ी सी घिसी हुयी,शहद,छाछ(मठ्ठा) 50 50 ग्राम
सभी सामग्री हंडिया में बंद करके दबा देनी है।रात को 10 बजे और मन्त्र जाप करना है।सुबह को सूर्यदेव को जल दे,जल में थोड़े से लाल गुलाब की पंखुड़ी डालकर अर्घ्य दे,उस समय अपने दोनों एड़िया ऊपर उठाय ,पंजे के बल पर जल दे।
मन्त्र
ॐ नमो भगवते भास्कराय अस्माकम् सर्वग्रहाणाम् पीड़ा नाशनम् कुरु कुरु स्वाहा।

इस साधना के बाद साधक की रक्षा भविष्य में सूर्यदेव करते है।
मन्त्र जाप के समय अपने सामने सूर्यदेव भगवान् जी की फ़ोटो रखे।
गुरू अशोक 9997107192
पं. मुदित मिश्रा
+919811696036

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