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Showing posts from April, 2017
@माँ भगवती नवरात्रि साधना@ प्रातः काल 5 बजे उठकर नहा धोकर माता का पूजन करके उत्तर दिशा मुख करके मन्त्र की 10 माला रोज 7 दिनों तक करे।माला के नीचे एक लाल नया वस्त्र सवा मीटर का रखकर उसके ऊपर माला रखकर मन्त्र जाप करे । 8वे दिन 1 माला हवन करे।हवन में आम की लकड़ियाँ और सामग्री में देशी घी हवन सामग्री का प्रयोग करे। 9वे दिन एक ब्राह्मण को भोजन में खीर,हलवा,पूरी,मिठाई,फलादि का भोजन कराय, दक्षिणा यथा शक्ति दे।उस लाल कपडे को पूजा घर में रख दे और नित्य एक माला जाप उस पर माला रखकर करे।। देवी कृपा से सभी कामनाये परिवार की पूरी हो जायेगी। जाप मन्त्र।। ॐ नमो भगवती रक्तपीठम् नमः साधना का सिद्धि कवच अवश्य लें...औम हवन मन्त्र ॐ नमो भगवती रक्तपीठम् नमः स्वाहा पं.मुदित मिश्र +919811696036

सर्वबंधन मुक्ति साधना

@नवरात्रि साधना सर्वबंधन मुक्ति हेतु@ नवरात्रि में इस मन्त्र को रोज 21 बार जप करे।उत्तर दिशा में मुख करके माता का पूजन करने के बाद जपे। परिवार की सभी समस्या,बीमारियां, तांत्रिकबन्धन ,ग्रह बंधन आदि माता की कृपा से समाप्त हो जाते हैं। मन्त्र।। ॐ नमोस्तुअते भगवते पार्श्व चन्द्रा धरेन्द्र पद्मावती सहिताय में अभिष्ट सिध्दी दुष्ट ग्रह भस्म भक्ष्यम् स्वाहा। । स्वामी प्रसादे कुरु कुरु स्वाहा। हिलहिली मातंगिनी स्वाहा । स्वामी प्रसादे कुरु कुरु स्वाहा। गुरु अशोक 7669101100

घंटाकर्ण पिशाचिनी साधना

नवरात्रि,दीपावली@महायक्षणी घंटाकर्णी महापिशाचिनी साधना@ यह साधना अत्यंत प्राचीन है।500 साल पूर्व इस विद्या का काफी प्रचलन था किन्तु वर्तमान में यह विद्या समाप्त हो गयी थी ।(अघोर तांत्रिक सिंधिया को यह विद्या सिद्ध थी।जिस शक्ति के बल पर तांत्रिक ने भानगढ़ के किले को श्रापित किया था वह चण्ड अघोर् विद्या कहलाती है।) यह देवी शक्ति माता के रूप में सिद्ध होती है,इनमे महापिशाचिनी और यक्षि  दोनों की शक्तियां होती है। जब साधक को यह सिद्ध होती है तो उसको मन्त्र जाप करते करते विशालकाय घण्टो की आवाजे आती है।सिद्धि के समय यदि साधक उन आवाजो को नही सुन पाया अर्थात डर गया तेज आवाज से तो सिद्धि फैल हो जाती है।सिद्ध होने पर देवी माँ साधक को सोने के बाद उसकी आत्मा को ऐसी ऐसी जगह ले जाती है जहाँ साधक के अधूरे कार्य रहते है और उनको पूरा करती है।इच्छित लोइट्री,सट्टा आदि को स्वप्न के माध्यम से देती है।मन्त्र यथा ॐ घंटाकर्णी महापिशाचीनी यक्षणि सर्वेश्वर्य देहि देहि स्वाहा बिना गुरु के साधना न करें। हर साधना का कवच है उसके बिना सिद्धि नहीं होगी...औम् काले वस्त्र ग्रहण करे।लोभी साधक दूर रहें। गुरू अ...

देवी तारा साधना

@नवरात्रि माँ तारा देवी मन्त्र सिद्धि @ यह साधना अत्यंत तीव्र है,गलती होने पर देवी साधक का अहित कर देती है।ब्रह्मचर्य अनिवार्य है।साधना ऐसे कमरे में करे जिसमे कोई स्त्री न हो अर्थात स्त्री से बातचीत वर्जित है।जंगल में साधना उत्तम है। इस साधना में साधक को वरदान मिलता है। मन्त्र जाप 125000 हवन 12500 दिशा पूर्व माला रुद्राक्ष वस्त्र आसन लाल तिलक कुमकुम कांसे की थाली में देशी घी का दिया जलाये।धूपबत्ती,फूल फल रखे। ताम्र कलश में जल रखे। साधना रात को 11 बजे या सुबह 4 बजे से करे । 1 बार ध्यान मन्त्र बोले फिर सिद्धि मन्त्र करे।। पवित्रीकरण,वास्तुदोष पूजन ,गुरु दीक्षा अनिवार्य है। ध्यान मन्त्र देवी पन्नगभूषिताम् हिमरूचिम् शीताँशुशंख पृभाम मुक्तारत्नपरीत कंठ वलयाम् रक्ताम्बरम् बिभृति त्रिनेत्राम भजे अहम्  मन्त्र ॐ ऐम तारे फट स्वाहा। बिना गुरु साधना वर्जित है। गुरु अशोक 7669101100 पं.मुदित मिश्रा +919811696036

सर्वग्रह पीड़ा निवारण सूर्य साधना

नवरात्रि @सर्वग्रह दोष निवारण भगवान् सूर्य देव साधना@ इस साधना को संपन्न करने से साधक के समस्त ग्रह जनित रोग,दोष,बाँधा समाप्त हो जाती है।सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं।कर्जमुक्त हो जाते है। इस साधना को रात्रि 10 बजे करे।11000 मन्त्र जाप करे।पीले आसन पर पीले वस्त्र धारण करके बैठे। एक मिट्टी के बर्तन में निम्न सामग्री रखले और इसको पीपल के पेड़ की जड़ में 2 फ़ीट गहराई में दबा दे और उसके ऊपर पीला आसन विछाकर पूरब दिशा की ओर मुख करके रुद्राक्ष माला से 11000 जप पूरा करे।यह जप 11 दिनों में पूरा कर सकते हैं। मन्त्र सिद्ध होने पर साधक सभी मुश्किलो से पार हो जाता है। सामग्री आम,गूलर,शमी के 11 ,11 पत्ती आक ,धतूरा, अपामार्ग ,दूर्वा ,बरगद की जड़े 1/2 फ़ीट लंबी हो। दूध,घी,चावल,मेहँदी ,गेंहू,काले तिल, गोमूत्र,पीली सरसो , चन्दन लाल या सफ़ेद थोड़ी सी घिसी हुयी,शहद,छाछ(मठ्ठा) 50 50 ग्राम सभी सामग्री हंडिया में बंद करके दबा देनी है।रात को 10 बजे और मन्त्र जाप करना है।सुबह को सूर्यदेव को जल दे,जल में थोड़े से लाल गुलाब की पंखुड़ी डालकर अर्घ्य दे,उस समय अपने दोनों एड़िया ऊपर उठाय ,पंजे के बल पर जल दे। मन्त्र ...

मां विन्ध्यवासिनी साधना

@नवरात्रि@माँ विन्ध्यावासिनी भूत भविष्य वर्तमान सर्वमनोकामना पूर्ण सिद्धि मन्त्र साधना@ यह दिव्य साधना अत्यंत प्राचीन महाभारत कालीन है।अगर साधना के समय साधक कोई त्रुटि साधना में कर दे तो मानसिक संतुलन खो देता है और पागलो की तरह व्यवहार करता है। यह साधना गृहस्थ लोगो के लिये नही है।इस साधना का अधिकार ऐसे साधको को है जो महाभिनिष्क्रमण कर चुके है।जंगल में रहते है। यह साधना 11 दिन की है।इसमें साधक किसी भी मनुष्य का भूत,भविष्य,वर्तमान बता सकता है और अपने तीनो कालो की जानकारी भी प्राप्त कर सकता है।साधना में सिद्धि प्राप्त होने पर साधक को विधिअनुसार मन्त्र जाप करके अपनी आँखें बन्द करके किसी का भी ध्यान करेगा तो उसका चलचित्र दिखाई देगा और किसी समस्या का समाधान माता साधक के कानो में आवाज देकर कहती हैं।साधक इस साधना के माध्यम से लाटरी,सट्टे आदि के अंक भी जानकर गरीब लोगो की मदद कर सकते है। रोज मन्त्र जाप 11 माला और 11 माला हवन होता है।हवन के समय कभी कभी देवी हवन से प्रकट होती है किन्तु साधक को हवन पूरा करना चाहिये,,जो साधक देवी दर्शन देखकर मन्त्र रोक देते है उनकी सिद्धि भंग हो जाती है।दिशा उत्...

रंजिनी अप्सरा साधना

@@रंजिनी अप्सरा साधना@@ यह साधना श्रावण मास में किसी भी शुक्रवार को रात्रि 11 बजे से शुरू करे यह साधना पूर्ण रूप से प्रकाशित की गयी है।इसमें कोई त्रुटि नही है,जैसा निर्देश् दिया है वैसे ही सिद्ध करे,प्रथम चरण में सिद्ध हो जायेगी। सबसे पहले नहा धोकर कमरे को जल से साफ़ करे।उसके बाद कमरे में गुलाब,मोगरा,चमेली का सेंट छिड़के।केवड़े की धूप बत्ती जलाये।कमरे को पूर्ण रूप से सुगन्धित कर दे। गुलाब,हिना,मोगरा का इत्र मिल जाय तो साधना से पहले पुरे शरीर पर तेल की तरह मालिश करे।।जमीन पर लाल गुलाब की पत्तिया बिखेर दे। मोगरा अथवा केवड़े का जल मिल जाय तो फर्श पर छिड़क सकते है।साधक वस्त्रो को भी सेंट, इत्र से सुगंधित कर ले। यह अप्सरा साधक को प्रेमिका रूप   में सिद्ध होती है। जब यह आती है तो कभी कभी साधक को कमरे की सुगंध बढ़ती दिखाई देती है तो कभी तेज सफ़ेद लाइट अपने पीछे से आगे की ओर आते दिखाई देती है।कभी कभी घुंघरुओं की आवाजे सुनाई देती है। सामग्री। 1 यह साधना 21 दिन की है। 11 माला रोज जाप करना है। 2 दिशा उत्तर होगी। 3 सबसे पहले पवित्रीकरण उत्तर दिशा में मुख करके करेअपने शरीर के लिये,उसके ...

वार्ताली देवी साधना

@@ माँ श्री वार्ताली देवी त्रिकाल दिव्य दृष्टी, त्रिकाल ज्ञान,त्रिलोक वार्तालाप, घटनाये मन्त्र साधना@@ यह साधना 21 दिन की है।16 मालाये रोज जप करना होता है।लालवस्त्र धारण करे।यह अति प्राचीन दुर्लभ साधना विधान है। इस साधना को तलाश करने में लगभग 8 वर्ष लग गए थे तब जाकर इसका पूर्ण विधान यंत्र सहित प्राप्त हुआ। इस साधना में मन्त्र तंत्र यन्त्र  तीनो का उपयोग होता है। जब साधक को इस देवी मन्त्र की सिद्धि हो जाती है तब साधक को देवी दर्शन देती है और एक दिव्य प्रकाश पुंज अर्थात बिन्दु के रूप में साधक के ह्रदय में समाहित हो जाती है।उसके बाद साधक का शरीर कम्पन्न करने लगता है और तभी से साधक त्रिलोक ज्ञाता हो जाता है।त्रिकाल दर्शी हो जाता है।कोई भी प्राणी जब साधक के सामने जाता है तो साधक देखकर ही उसका भूत,भविष्य,वर्तमान बता देता है। इस देवी शक्ति से वार्ता होती है और इसका सीधा सम्बन्ध कुण्डलिनी शक्ति से होता है। इसका कार्य भी कर्ण मतंगणि, कर्ण पिशाचिनी की तरह होता है। यह साधना अघोर पद्धति में,शाबर पद्धति में भी होती है किंतु वेदोक्त विधि सर्वेश्रेष्ठ है।यहाँ वेदोक्त पद्धति का वर्णन किया ह...
लापता गुमशुदा की तलाश साधना।। आप सभी साधकों को जानकर ख़ुशी होगी की परम पिता परमेश्वर की कृपा से किसी भी बच्चे स्त्री पुरुष को जो अचानक अपने घर से गुम हो गए हैं और आज तक उनका कोई पता नही चला है चाहे उनको कितने ही साल क्यों न हो गए हो घर से जाए हुए का पता मिल जाता है। आप हमारी हेल्पलाइन पर कॉल करके हेल्प ले सकते है। +919811696036(Only for Call)

बच्चेदानी में सूजन के लिए उपाय

आजकल देखते है की बहोत सी औरते बच्चे दानी पर सुजन की समस्या से परेशान है इस से छुटकारा पाने के लिए मकुवे (हरयावणी में उसको बहमभोल) भी बोलते है उसके छोटे छोटे काले फल लगते है फल मे बहोत बीज होते है उसके पत्तों का 100g.mरस निकाल ले उसका कपड छान कर ले फिर उसमे इतनी  ही देशी शराब मिला ले रात को सोते समय औरत एक फवा में वो रस लगा के अपनी बच्चे दानी पर लगा के सो जाए सुबहा फवा निकाल दे ऐसा 15दिन लगातार करे बिल्कुल आराम मिलेगा          आदेश